बुधवार, 4 अगस्त 2010

खत्रियों के अल्‍ल ( टं से ढौ) ...खत्री हरिमोहन दास टंडन जी.)

टंकघर , टंगरवाढा , टंडन , टई टकन , टकर , टकसाली , टकहर , टकियार , टगिरा , टटियानी , टटवाना , टटरा , टठानी ,टडवाले , टनकधार , टनोजिये , टनोड , टमकन , टरहा , टल , टबकेर , टहरी ,टांक , टांगरा ,टांडरे , टाक , टाटागड , टाटारिया , टांरिये , टाला , टिकंदर , टिकले , टिकिये , टिहरीबाक , टीटोटंडन , टुंगरवाही , टुकनिया , टुकरिया , टुनखिया , टुनटुनिया , टुपया , टेटिया , टेक , टेजे , टेढीबांक , टोंगा , टोकल , टोकले , टोनिया , टोरनार , ठैथखेये , ठंडी , ठकनोजिये , ठकर , ठकराल , ठकुरेजा ,ठटिये , ठठिये , ठठचारे , ठठागर , ठठामरे , ठठनपाल , ठांड , ठाट , ठाठेरा , ठिकथूरा , ठिकपुरा , ठिक्‍कन , ठिलइनटे , ठिल्‍लमठिल्‍ला , ठिवकन , ठिकेदार , ठुकराल , ठुकहर , ठेंठपाल , ठेंकरे , ठोकिया , ठोसमल , ठोसमाल , डंकबन ,डंकामार , डंग , डंगगई , डंडबाज , डंडे , डडोसी , डकन , डकना , डखना , डगगई , डगबन , डगबरेजे , डगमरीले , डगागेदश , डटाइये , डडवहे , डडी , डमरिया , डमामघर , ड्योरी , डरवाने , डरेजे , डलिया , डहेगरे , डांगा , डांडी , डाक , डाख , डागरी , डाडांगण , डाडेरा , डाबूमल , डामरा ,डामराबाढ , डालफूल , डालफूले , डाली ,डाबरे , डारे , डिगसना , डिसोजा , डसोसा , डुलेरा ,डेगी , डेयानी , डेसर , डैरी , डोंडरा , डौंडर , डोंर , डोग , डोगर , डोडिया , डोंटे , डोंडे , डोडेजे , डोनंबरे , डोमजे , डोमने , ढंकण ,ढंगमकूला , ढंगर , ढंगरी , ढंढोरिया ,ढंकना , ढकी ,ढगढेर , ढगले , ढबकर , ढरक , ढल , ढलबाज , ढाइये , ढाकुरायल , ढाढबानिये , ढारी , ढालकरी , ढालबाज , ढिढोरिया , ढिलहान , ढिकदार , ढुढखाल , ढुलका , ढेहारिया , ढोंडिला , डोंडले , डोकले , ढोलकिया , ढोलकीफुट , ढालपे , ढोलपा !!







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क्‍या ईश्‍वर ने शूद्रो को सेवा करने के लिए ही जन्‍म दिया था ??

शूद्र कौन थे प्रारम्भ में वर्ण व्यवस्था कर्म के आधार पर थी, पर धीरे-धीरे यह व्यवस्था जन्म आधारित होने लगी । पहले वर्ण के लोग विद्या , द...