शनिवार, 1 मई 2010

अरोड वंश की कुल 962 अल्‍लों का संकलन किया जा सका है( भाग - 3) ... खत्री सोहन लाल बजाज

चवर्ग से शुरू होने वाले अल्‍ल .............
चटकारे , चलतर , चडे , चटयानिये , चचक , चचरे , चनन , चोले , चराई , चोत्रे , चगाये , चंदानी , चटाके, चकने , चनन , चाहल , चावे चावले , चांदना, चिलडे, चिलाने , चुघ , चुग , चुण्‍ड  चुगतिवे , चुटकानी , चुकियारा , चोवरे , चोथानी , चुटानी , चोतडे , चोटीकपा , चोटीपद , चोटमुरादे , चहगे , चकड , चनबाद , चराये , चानने , चौभा , चौपे , चभरा , चोटलद , छलबेजे , छलडारा , छपरे , छकड , छबीले , छहडा, छाबडे , छूत , छताती , छैल , छोरे , छतोडा , छेतीया , छोकरे , छोडे , छहरिया , छक्‍का , जसोवे , जनीचावला , जपे , जमरेजे , जगरान , जनवेजे , जतबानी , जन्‍नी , जाकन , जाका , जाजीखेल , जावा , जाजे , जांदनी , जांजीचांद , जायखलाडी , जुगे , जुलाहे , जुनेजे , जेसिघिए , जेसगही , जौरबानी , जोथे , जोखाने , जोसींगे , जैसघडी , जौभी , जेरवाणी , झझर , झांकरे , झंकारा , झांव , झाम , झाममारा , झमाणी ,

('खत्री हितैषी' के स्‍वर्ण जयंती विशेषांक से साभार)

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क्‍या ईश्‍वर ने शूद्रो को सेवा करने के लिए ही जन्‍म दिया था ??

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