सोमवार, 3 मई 2010

अरोड वंश की कुल 962 अल्‍लों का संकलन किया जा सका है( भाग - 5) ... खत्री सोहन लाल बजाज



तवर्ग से शुरू होने वाले अल्‍ल .............


तपंगर , तंचे , तलवार , तकोजे , ततरेजे, तरबानी , तखतोला , तरीकिए , तांगा , ताबडे , तानेवली , ताकरा ,तातने , तुरीजे , तेजा , तोलबाटरिन , तरवानी , तनेजे , तरपके , तलोजे , तमेजा , तांगिए , तगतोड , तागडे , तरोने , ताने , तांगेल , तारा , तिलूका , तीगरे , तिगडे , तीने , तह्ररी , तोते तोतलानी , तोबरेजे , तोतवाणी , थथडे , थरेजे , थाथरी , दाहोरा , दरगन , दरजे , दमकतरे , दहरानी , दहोचा , दागडी , दादरे , दाहोले , दाहडे , दारले , दानिये , दाबडे , दिंगा , दुम्‍बवाल , दुधावने , दुरीजे , देजे , देमला , दोहूजे , दोबरेजे , दोल , दोये , दोखरे , दीपे , दहूजा , दय , दरगाना , धरमेरे , धमीजे , धगलानी , धरयानी , धरकबंदिये , धरकमार , धगबाली , धरेजे , धतूरिये , धूमरे , धुनी , धुडिया , धींगडे , धोन , धवन , धरमोहा , नचाती , नगई , नगरानी , नहमंदी , नरूले , नगंरेजे , नारग , नागपाल , नागिये , निवानी , नार्गे , नागुरू , नागरे , नालवा , नासवा , नण्‍दवाने , नासा , निवाहिये , निओले , नेमके , नोगराही , नोरोजे , नोगरे ।


('खत्री हितैषी' के स्‍वर्ण जयंती विशेषांक से साभार)








शनिवार, 1 मई 2010

अरोड वंश की कुल 962 अल्‍लों का संकलन किया जा सका है( भाग - 4) ... खत्री सोहन लाल बजाज



टवर्ग से शुरू होने वाले अल्‍ल .............


टक्‍कर , टकरेजेटढयानी , टनोजिये , टांडरे , टाटरेजे, टाटरा , टारिये , टेजे , टनाका , टंडन , टिंकू , ठक्‍कर , ठकनोजिये , ठकराल , ठठयारे , ठढई , ठुकरालिया , ठठानीवारे , ठाठभूरे , ठुकरेजा , ठांड , ठुड्डी ,ठठराल , ठाकरे , ठांभरे , डड्ढी , डहे , डांग , डागरी , डड्डग , डावरे , डूंगर , डूमरे , डंगडाई , डूमने , डोडे , डींगरे , डटाइये , डरेजे , डेवरी , डंडीडेजा , डडोहे , डोमेजे , डोडेजे , डोडेचा , ढटावरजे , ढटावने , ढंगढेरे , ढयराना , ढाढवानिये , ढाभीणा , ढाण्‍डे , ढोलानी , ढानिये , ढमला 


('खत्री हितैषी' के स्‍वर्ण जयंती विशेषांक से साभार)






अरोड वंश की कुल 962 अल्‍लों का संकलन किया जा सका है( भाग - 3) ... खत्री सोहन लाल बजाज

चवर्ग से शुरू होने वाले अल्‍ल .............
चटकारे , चलतर , चडे , चटयानिये , चचक , चचरे , चनन , चोले , चराई , चोत्रे , चगाये , चंदानी , चटाके, चकने , चनन , चाहल , चावे चावले , चांदना, चिलडे, चिलाने , चुघ , चुग , चुण्‍ड  चुगतिवे , चुटकानी , चुकियारा , चोवरे , चोथानी , चुटानी , चोतडे , चोटीकपा , चोटीपद , चोटमुरादे , चहगे , चकड , चनबाद , चराये , चानने , चौभा , चौपे , चभरा , चोटलद , छलबेजे , छलडारा , छपरे , छकड , छबीले , छहडा, छाबडे , छूत , छताती , छैल , छोरे , छतोडा , छेतीया , छोकरे , छोडे , छहरिया , छक्‍का , जसोवे , जनीचावला , जपे , जमरेजे , जगरान , जनवेजे , जतबानी , जन्‍नी , जाकन , जाका , जाजीखेल , जावा , जाजे , जांदनी , जांजीचांद , जायखलाडी , जुगे , जुलाहे , जुनेजे , जेसिघिए , जेसगही , जौरबानी , जोथे , जोखाने , जोसींगे , जैसघडी , जौभी , जेरवाणी , झझर , झांकरे , झंकारा , झांव , झाम , झाममारा , झमाणी ,

('खत्री हितैषी' के स्‍वर्ण जयंती विशेषांक से साभार)

क्‍या ईश्‍वर ने शूद्रो को सेवा करने के लिए ही जन्‍म दिया था ??

शूद्र कौन थे प्रारम्भ में वर्ण व्यवस्था कर्म के आधार पर थी, पर धीरे-धीरे यह व्यवस्था जन्म आधारित होने लगी । पहले वर्ण के लोग विद्या , द...