गुरुवार, 1 अप्रैल 2010

अरोड वंश का इतिहास ( प्रथम भाग ).... उत्‍पत्ति

arora khatri samaj

भविष्‍य पुराण के जिस श्‍लोक के अनुसार अरोड वंशी ( अरोरा खत्री समाज ) अपने को त्रेतायुग में हुए महाराज श्री अरूट का वंशज मानते हैं , वह इस प्रकार है ......


'नाग वंशोद्या दिब्‍या, क्षत्रियास्‍म सुदाहता। 

ब्रह्म वंशोदयवाश्‍चान्‍ये, तथा अरूट वंश संभवा।।'

(भविष्‍यपुराण , जगत प्रसंग अध्‍याय 15)

अर्थात् नागवंश में होनेवाले , वैसे ही ब्रह्म वंश में होनेवाले तथा अरूट वंश में होनेवाले श्रेष्‍ठ क्षत्रिय कहलाए।

त्रेता युग में श्री परशुराम से सम्‍मानपूर्वक अभयदान पाकर सूर्यवंशी क्षत्रिय श्री अरूट ने सिंधु नदी के किनारे एक किला बनाकर उसका नाम अरूट कोट रखा , जिसे समयानुसार अरोड कोट कहा जाने लगा। महाराजा अरूट के साथी और वंशज ही अरोडा कहलाएं।


सिकंदर को भी महाराजा अरूट के वंशजों से लडना पडा था। इतिहास लेखक प्लिनी ने भी अरोडों को अरोटुरी लिखा है। कालांतर में अरोड राज्‍य की गद्दी देवाजी ब्राह्मण के हाथ में आ गयी । देवा जी ब्राह्मण के वंशज बौद्ध थे और उनकी राजधानी सिंधु नदी के पूर्वी किनारे पर अलोर या अरोड कोर्ट ही थी, जिसे आजकल रोडी कहते हैं। अरबों के आक्रमण के समय अरोड कोट के अंतिम राजा दाहर बडे प्रतापी थे। उनके शासनकाल में अरब आक्रमणकारियों ने समुद्र मार्ग से कई हमले किए थे, जिन्‍हे विफल किया जाता रहा। मुहम्‍मद बिन कासिम के आक्रमण के समय आपसी फूट के कारण अरोड कोट हमलावरों के हाथ में चला गया। इस भगदड में अरोडवंशियो का एक दल उत्‍तर दिशा की ओर गया , वह उत्‍तराधा कहलाया। दक्षिण दिशा को जानेवाला दक्षिणणाधा और पश्चिम दिशा को जानेवाला दाहिरा कहलाया। इसके बाद अरोड वंशियों ने व्‍यापार और खेती को जीवन निर्वाह का मुख्‍य साधन बनाया। ये ही अरोड़ा खत्री समाज है। 

कल दूसरे भाग में हम अरोडवंश से जुडे ऐतिहासिक तथ्‍यों की चर्चा करेंगे। 

(खत्री हितैषी के स्‍वर्ण जयंती विशेषांक से साभार)





4 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बढ़िया जानकारी!!

Kulwant Happy ने कहा…

बेहद बढ़िया चर्चा। आपका ई इतिहास में योगदान बेहद कीमती है। अगली चर्चा का इंतजार रहेगा, परंतु रोडी कहाँ इसके बारे में जरूर जानना चाहूंगा, रोडी हरियाणा में एक गाँव है, उसकी बात तो नहीं कर रहीं।

Reetika ने कहा…

accha laga yeh padh kar..arse baad khatri Hitaishi ke ansh bhi padhe... UP ghar jaatehain kabhi kabhi to ghar par mil jaati hai rakhi hui tak hi palat lete hain kuch panne... jaari rakhein yeh jaankari share karna...

vishal gaba ने कहा…

nhi.. rodi pakistan me bhi hai.. uski baat ki ja rhi hai isme..

क्‍या ईश्‍वर ने शूद्रो को सेवा करने के लिए ही जन्‍म दिया था ??

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