बुधवार, 30 दिसंबर 2009

इस टिप्‍प्‍णी से सिद्ध होता है कि हर बात के अच्‍छे और बुरे दो पक्ष होते हैं !!

'हमारा खत्री समाज'में प्रकाशित एक आलेख 'नवदम्‍पत्ति स्‍वागतार्थ आयोजित प्रीति भोज में एक गिफ्ट काउंटर शालीन है या हास्‍यास्‍पद ??' में आदरणीय समीर लाल जी की एक टिप्‍पणी मिली....
Udan Tashtari said...
इसे हमारे यहाँ गिफ्ट नहीं, नवेद कहते हैं. इस उद्देश्य दिखावा नहीं, बल्कि जो भी व्यक्ति अपने बेटा या बेटी की शादी कर रहा है, उसकी मदद करना, उसके खर्च में समाज का हिस्सा डालना होता था. सब अपनी औकात और संबंधों के मुताबिक मदद करते थे. इसको नोट करने का एक मात्र कारण होता था कि से बिना सूद का कर्ज माना जाता था कि आज तुमने मेरी मदद की है, कल जब तुम पर ऐसे खर्च का भार आयेगा तो मैं तुम्हारी भी वैसे ही मदद करुँगा. यदि किसी ने आज से बीस साल पहले आपको १०१ रुपये दिये जबकि नार्मल प्रचलन २१ रुपये नवेद का था, तो आज आप उसके परिवारिक आयोजन में १००१ देकर कर्ज उतारते हैं या मदद के प्रति अहसान व्यक्त हैं इस टोकन राशि से.


समय के साथ साथ खर्चों में इजाफा हुआ. पहले एक मेहमान को खिलाने में २० रुपये लगते थे और आज २०० से ५०० तो नवेद या मदद की राशि भी उसी अनुपात में बढ़ती गई.


लोगों के सबंध और सामाजिक दायरे में इजाफा हुआ है. आज १०/२० मेहमान तो आते नहीं. तादाद हजारों में होने लगी है. ऐसे में मिखिया को व्यक्तिगत रुप से नवेद सौंपना और उसका उसे याद रखना कठिन कार्य हो गया और इसका बेहतर तरीका काऊन्टर बना कर नवेद या मदद को समूचित एवं व्यवस्थित रुप से नोट कर लेना लगा.


इसमें हास्य बोध जैसी तो कोई बात नहीं दिखती.


याद करें तो पहले पंगत में बिठा कर खिला देते थे किन्तु आज की वेशभूषा और मेहमानों की संख्या देखते हुए पंगत संभव नहीं है तो बफे सिस्टम चालू हो गया. यूँ तो फिर वो भी हास्य का विषय बन सकता था किन्तु किया सहूलियत के लिए ही गया.

ये मात्र मेरे विचार है. कोई विरोध नहीं.

इसके बाद मुझे लगता है कि जब सारे लोगों का स्‍तर एक था और सारा समाज अपना होता था , सबके दुख सुख अपने होते थे , तो इस परंपरा का पालन करना निमंत्रित किए जा रहे व्‍यक्ति के लिए बहुत आसान भी था और निमंत्रण देनेवालों के लिए सुविधाजनक भी । पर लोगों के स्‍तर की भिन्‍नता और स्‍वार्थ के कारण आज यह परंपरा एक भार बन गयी है , इस तरह समय के साथ हर बात के अच्‍छे और बुरे दोनो पक्ष होते हैं ।



8 टिप्‍पणियां:

  1. नव वर्ष की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं |

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  2. बेहतरीन ढंग से बर्णन Sangeeta ji, बहुत खूब, नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !

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  3. संगीता जी प्रणाम, यह एक वृहद विषय है, अभी थोड़ा जल्दी में हुँ, इस पर आकर टिप्पणी करुंगा।

    नुतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

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  4. समीर जी की बात सही है.....

    .आप को तथा आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  5. नया साल बहुत बहुत मुबारक हो,पूरे परिवार सहित।

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  6. समीर जी की बात से पूरी तरह सहमत.

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  7. चलिये, इस पर कुछ चर्चा हो ही गई. :) आभार!!

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आपकी स्‍नेहभरी टिप्‍पणी के लिए आभारी हूं !!