शुक्रवार, 4 दिसंबर 2009

भाटिया खत्री राजा यदु के वंशज भट्टी या भाटी के वंश के माने जाते हैं !!


bhatia konsi cast hoti hai

जिन क्षत्रियों ने परशुराम के क्षत्रिय संहार के समय भटनेर नामक ग्राम या नगर में शरण ली थी , उन्‍हें ही भाटिया कहा जाता है। जो भाटिए पंजाब में हैं , वे अपने को खत्री कहते हैं और जो राजपूताना में , वे अपने को राजपूत कहते हैं। इस कारण न तो राजपूत वंशी इनसे विवाह करते थे और न ही खत्री , इसलिए इनके विवाह संबंध अपने जमात तक ही बने रहे। कुछ यह भी कहते हैं कि परशुराम के संहार के समय जो लोग भट्टी में छुपे रहे और अपनी पवित्रता के कारण आग से नहीं जले , वे ही भाटिया कहलाए। 

श्री मोती लाल सेठ ने अपने ग्रंथ 'ए ब्रीफ एथनोलोजिकल सर्वे ऑफ द खत्रीज' में तथा खत्री हितकारी , आगरा जनवरी 1896 के पृष्‍ठ 70 के नक्‍शा नं 16 में इनके 84 उपभेद लिखे थे, जो अंधार , पकूरा , छात्रिया , डांगा , नागर , बावला, बेदा , राजिया सानी , सरिया आदि हैं और खत्री जाति परिचय में इसकी सूचि दी गयी है। पंजाब के अलावे उत्‍तर प्रदेश में भाटिया बिखरे हुए हैं , पर कच्‍छ , काठियाबाड , गुजरात , बंबई , रत्‍नागिरी , खानदेश , थाना , शोलापुर कनारा , बेलगाम और पूना जिले में भी पाए जाते हैं। ए बेन्‍स ने अपने ग्रंथ 'एथनोलोजी' में इनकी कुल जनसंख्‍या 60,600 होने का अनुमान लगाया था। 

पर श्री अशोक कुमार अरोडा का कथन है कि श्री कृष्‍ण जी और बलदेव जी की मृत्‍यु के पश्‍चात् द्वारका का पतन हो जाने से उनके वंशज सिंध चले गए थे और इसी वंश में राजा यदु के वंशज भट्टी या भाटी ने विक्रम संवत् 1212 , सावन बदी 12 को जैसलमेर नगर की स्‍थापना की। इनके वंशज ही सर्वत्र फैल गए और वे अब भाटिया खत्री कहलाते हैं। राजस्‍थान में इन्‍हे अभी भी भाटी राजपूत कहा जाता है।

(लेखक .. खत्री सीताराम टंडन जी)






8 टिप्‍पणियां:

  1. संगीता जी-आप इतिहास की बहुत बढिया जानकारी दे रही हैं-आभार

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  2. संगीता जी बहुत विस्त्रित जानकारी है आपके पास धन्यवाद्

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  3. संगीता जी आप ने बहुत बडा उपकार किया, सच कहुं तो मुझे इस बारे कुछ भी नही पता था, शायद हमारे पुरवजो को भी नही पता था.
    आप का धन्यवाद

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  4. भाटिया के बारे में तो पता नहीं ..भाटी के बारे में तो मै बता सकता हूँ ...
    मैं भाटी हूँ (गुर्जर भाटी) ,दिल्ली N C R " भाटी और नागर गुर्जरों की एक बड़ी बेल्ट है " वैसे भाटी ठाकुरों और राजपूतों में भी होते है

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  5. भाटिया खत्री बनिया जाति में आता है,भाटी गुर्जर लिखता है। गुर्जर अलग जाति है, और भाटिया अलग जाति है। भाटिया व्यसायिक वर्ग है तो भाटी माटी का काम खेती करता है यह किसान है। भाटिया अपने नाम के टाइटल में कभी गुर्जर नहीं लिखता है। दोनों अलग अलग जाति है। {{बहुवि}}

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